कालानमक चावल के लाभ के साथ साथ आपको उसके इतिहास और उसकी महतव्ता भी जरूर जानना चाहिए |
कालानमक चावल का परिचय Introduction to Kalanamak Rice
कालानमक एक खुशबूदार चावल है मुख्यतह इसकी खेती भारत और नेपाल के चुनिंदा छेत्रो में की जाती है आम तोर पर आप ने देखा होगा की हम जो सामान्य तौर पर जो चावल इतेमाल करते है उसके छिलके का रंग भूरा होता है परन्तु इसके छिलके का रंग काला होता | इसलिए इसे KAlanamak Rice (कालानमक चावल) कहा जाता है |
ईतिहास History
कालानमक चावल का उपयोग बौद्ध काल के करीब 600 ईसा पूर्व से भी पहले से हो रहा है कपिलवस्तु की खुदाई में कालानमक चावल का छिलका (भूसी) और बीज मिले इसीप्रकार कलानवा में खुदाई के दौरान kalanamak Rice कालानमक चावल के टुकड़े-टुकड़े किए गए दाने पाए गए।
इसकी खेती भारत और नेपाल के हिमालयी पहाड़ो के निचे के समतल मैदानों (भू-भाग) में मुख्य रूप से की जाती थी कालानमक चावल उत्तर प्रदेश में काफी लोकप्रिय है जो यहाँ ब्लैक पर्ल के नाम से भी प्रचलित है कालानमक चावल Kalanamak Rice संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की मुख्य पुस्तक स्पेशियलिटी राइसेस ऑफ द वर्ल्ड में संग्रहीत है।
पूर्व से अब तक की इस्तिथि Past to Present Situation
कालानमक चावल कपिलवस्तु और उत्तर पदेश के क्षेत्र तराई में आहार के मुख्या श्रोत के रूप में इसकी खेती की जाती थी जिनमे महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोंडा, गिरिडीह और संत कबीर नगर जिले पमुख है जानकारी के अनुसार ईसा से 1990 तक सिद्धार्थनगर में खेती का लगभग 10% हिस्सा इसी का होता था 2002 आते आते इस फसल की खेती मात्र 0.5% से भी कम हो गया | उसके बाद सरकारों के प्रयासो
से इसके महत्त्व पर जोर दिया गया और अब यह फसल उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और मध्य्प्रदेश में भी उगाई जाने लगी है |
लाभ Kalanamak rice benefits
- कालानमक चावल के नियमित सेवन से रक्तचाप एवं रक्त सम्बन्धी समस्याओ को नियंत्रित करता है
- इसके नियमित सेवन से सेबोरहाईक , ऐनीमिया जैसी बीमारियों से बचाने में मददगार होता हो |
- इसमें एंटीऑक्सिडेंट की प्रचुर मात्रा होती है जो हृदय सम्बंधी बीमारियों से बचाता है |
- कालानमक चावल में लगभग 11% प्रोटीन पाया जाता है जो किसी भी किस्म से लगभग दोगुना अधिक है |
- अन्य सभी चावल की तुलना में कालानमक चावल में फाइबर,आयरन, जिंक और प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है नियमित रूप से सेवन करने पर हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है जिससे हमारा शरीर स्वस्थ और फिट रहता है इस चावल की इसी खूबी की वजह से भारत से अन्य देशो में निर्यात की इसकी डिमांड दिन ब दिन बढ़ती जा रही है |
कालानमक चावल (जीआई) टैग Kalanamak Rice (GI) Tag
कालानमक चावल को भारत सरकार द्वारा 2012 में भौगोलिक क्षेत्र को चिन्हित करने के लिए (जीआई) टैग प्रदान किया गया | ताकि उसी क्षेत्र के कलानमक चावल को कालानमक चावल के लेबल से चिन्हित किया जाये | जीआई टैग का उपयोग कृषि क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से निर्मित वस्तुओं के लिए किया जाता है।
उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में जीआई टैग की स्वकृति है जहा कालानमक चावल होता है 1 बस्ती 2 सिद्धार्थ नगर 3 संत कबीर 4 महराजगंज 5 देवरिया 6 गोरखपुर 7 देवीपाटन 8 गोंडा 9 बहराइच 10 श्रावस्ती 11 बलरामपुर |
बाजार भाव Market Price
कालानमक चावल की कीमत उसकी गुणवत्ता के अनुसार 200kg से 650kg (प्रति किलोग्राम) तक पहोच चुकी है | यह कीमत बाजार के अनुसार कम या अधिक हो सकती है
निष्कर्ष Conclusion
कालानमक चावल बहोत ही स्वादिस्ट चावल की किस्म है रसोई में पकाये जाने पर इसकी सुगंध, लाजवाब स्वाद और पोषण तत्व संबंधी लाभो के लिए लोगो में लोकप्रियता हासिल है अन्य सभी चावल की तुलना में कालानमक चावल विटामिन, खनिज और आहार फाइबर सहित आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है नियमित रूप से सेवन करने पर हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है जिससे हमारा शरीरक स्वास्थ और फिट रहता है इसलिए आपको भी इसे अपने आहार में एक विक्लप के रूप में शामिल करना चाहिए |
अस्वीकरण (Disclaimer): कालानमक चावल के लाभ के बारे में दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। इसका उद्देश्य चिकित्सा सलाह या किसी योग्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के परामर्श को प्रतिस्थापित करना नहीं है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियाँ और आहार संबंधी ज़रूरतें अलग-अलग होती हैं, और सलाह दी जाती है कि अपने आहार में महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर या पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें। कालानमक चावल या किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन संतुलित और स्वस्थ आहार के हिस्से के रूप में करना चाहिए।